भूमि का पीएच (pH) मान खेती को कैसे प्रभावित करता है?

pH scale

भूमि का पीएच (pH) मान खेती को कैसे प्रभावित करता है?

भूमि का पीएच (pH) मान खेती को प्रभावित करता है? अगर जमीन का pH सही रेंज में नहीं हो तो डाले गए खाद अदि का समुचित लाभ नहीं मिल पाता है. नुकसानदायक pH पर पौधों में बीमारियाँ ज्यादा लगती हैं और उनका उपचार मुश्किल होता है. अंततः पैदावार घट जाती है और खेती का खर्च बढ़ जाता है.

pH का अर्थ और pH स्केल

अम्लीयता और क्षारीयता वे रासायनिक गुण हैं जो जीवन की लगभग हरेक प्रक्रिया को प्रभावित करते है। वैसे तो सामान्य बोलचाल में खट्टे को अम्लीय कहा जाता है परंतु यह जरूरी नहीं कि हर अम्लीय वस्तु खट्टी ही हो। यह भी समझने की जरूरत है की अम्लीयता और क्षारीयता परस्पर रिलेटिव टर्म्स है, यानी एक दूसरे से तुलना में ही ये शब्द काम आते हैं।

pH स्केल, किसी भी पदार्थ/मिट्टी की अम्लीयता और क्षरीयता नापने का पैमाना है। इसकी रेंज 0 से 14 के बीच होती है। 7 pH मान को न्यूट्रल माना जाता है, जबकि 0 को सर्वाधिक अम्लीय और 14 को सर्वाधिक क्षारीय।

pH स्केल का उपयोग pH नापने (0-14) के लिए किया जाता है.pH मान को 0-14 तक के पॉइंट वाली स्केल पर pH मीटर य pH पेपर कि सहायता से नापा जाता है

शुद्ध पानी pH न्यूट्रल वस्तु एक अच्छा उदाहरण है। शुद्ध पानी का pH मान 7 यानी न्यूट्रल होता है। पानी  एक हाइड्रोजन आयन (एसिड)और एक हैड्रॉक्सिल आयन (क्षारीय) से मिलकर बनता है। पानी में घुलित लवण इसे अम्लीय या क्षारीय बना देते हैं.

आइए मुद्दे पर आते हैं। प्राकृतिक रूप से जमीन अम्लीय होने का अर्थ यह है कि जमीन में आर्गेनिक (organic) एसिड अधिकता में हों, जैसे तालाब या पोखर की मिट्टी। सूक्ष्म जैविक क्रिया से यह जल्द ही सामान्य हो जाती है। इसी प्रकार जमीन की क्षारीयता से तात्पर्य है कि जमीन में सोडीयम कार्बोनेट या बाइकार्बोनेट की अधिकता हो। यह बहुत कठिनाई से ठीक होने वाली समस्या है।

जिप्सम का सही तरीके से इस्तेमाल जमीन में सोडियम का स्तर नियंत्रित करने के लिए किया जाता है.

Agriculture में pH का रोल

मिट्टी की अम्लीयता और क्षरीयता  बहुत से पोषक तत्वों की उपलब्धता प्रभावित करती है। क्योंकि अलग अलग pH पर विभिन्न यौगिकों की घुलनशीलता अलग अलग होती है.

पानी में घुलनशील पोषक तत्व घोलने पर आयनों के रूप में बदल जाते हैं. ये आयन ही पौधों द्वारा अवशोषित किये जाते हैं. पौधों के लिए जरूरी धन आवेश धारी तत्व

K (Potassium ion) यानी पोटेशियम आयन

Na (Sodium) यानी सोडियम आयन

Mg (magnesium) यानी मैग्नीशियम आयन

Fe (Iron) यानी आयरन/फेरस आयन

Zn (Zinc) यानी जिंक आयन

Mn (Manganese) यानी मैंगनीज आयन

NH4 (Ammonium) यानी अमोनियम आयन

पौधों के लिए जरूरी ऋण आवेश वाले तत्व/आयन

PO4 (phosphate) यानी फॉस्फेट आयन

SO4 (Sulfate) यानी सल्फेट आयन

NO3 (Nitrate) यानी नाइट्रेट आयन

Cl (Cloride) यानी क्लोराइड आयन

BO3 (Borate) यानी बोरेट आयन

इस लिस्ट से आप यह पता लगा सकते हैं कि मोटे तौर पर कौन से तत्वों की उपलब्धता अम्लीयता से प्रभावित होगीे और कौन से तत्वों की क्षारीयता से।

Agriculture के लिए जमीन की क्षारीयता/ऐल्कलिनिटी यानि ज्यादा pH; ज्यादा नुकसानदेह है।

जमीन की क्षरीयता ज्यादातर सोडियम (मुख्यतः सोडियम कार्बोनेट और सोडियम bicarbonate)की अधिकता से होती है। ज्यादा मात्रा में यूरिया के इस्तेमाल से भी जमीन में सोडियम की मात्रा बढ़ती है. ज्यादा सिंचाई भी इसकी बड़ी वजह है।

भूमि का pH सुधारने का सबसे आसन, सस्ता और फायदेमंद तरीका

भूमि के pH को संतुलित करने और इस संतुलन को बनाये रखने के लिए हर फसल के साथ उच्च गुणवत्ता के कम्पोस्ट का प्रयोग किया जाना चाहिए. कम्पोस्ट के प्रयोग से अन्य लाभ तो हैं ही, यह डाले गए फ़र्टिलाइजर का समुचित अवशोषण सुनिश्चित करता है, लाभकारी सूक्ष्म जीवों की एक्टिविटी बढाता है और स्ट्रेस पौधों को बचाता है. अच्छा कम्पोस्ट खाद, भूमि को अच्छी बफरिंग प्रदान करता है. बफरिंग का तात्पर्य है कि कम्पोस्ट (compost) खाद  न तो जमीन की अम्लीयता ही ज्यादा बढ़ने देता है और ना ही क्षारीयता बढ़ने देता है. कम्पोस्ट (compost) खाद बनाने के तरीकों के विषय में यहाँ क्लिक करके जान सकते हैं. जीवाणु द्वारा निर्मित कम्पोस्ट (compost) खाद बनाने के लाभ और तरीका  जानने के लिए यहाँ क्लिक करें.

डॉ. पुष्पेन्द्र अवधिया (Ph.D. लाइफ साइंस, M.Sc. इंडस्ट्रियल माइक्रोबायोलॉजी)

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बैक्टर से जुडने के फायदे ?

पौधों की जरूरतों की समझ

पौधों की पोषण आवश्यकताओं, जैविक,भौतिक और रासायनिक कारकों के प्रभावों और संतुलन की समझ,खेती के नए आयामों और भूमि सुधार के लिए सबसे ज्यादा महत्वपूर्ण है। बैक्टर लगातार इस दिशा में काम कर रहा है।

संतुलित पोषण और प्रबंधन

कौन से पोषक तत्व जरूरी हैं और कब किस रूप में देना है यह उनके समुचित लाभ प्राप्त करने के लिए जरूरी है। बैक्टर, कृषि के लिए उच्च गुणवत्ता के सूक्ष्म पोषक तत्व यानी Micro-Nutrients उपलब्ध करवाता है।

पोषण उपलब्धता बढ़ाने के तरीके

जमीन में डाले गए पोषकों को मिट्टी के चक्र में बनाए रखना और उन्हे पौधों द्वारा उपयोग लायक रूप में बदलते रहने के लिए कई उपाई किये जाते हैं जिसमें ऑर्गैनिक मैटर और मित्र सूक्ष्मजीवों का अहम रोल है। बैक्टर किसानों की उच्च गुणवत्ता का काम्पोस्ट बनाने में मदद करता है और साथ ही उच्च गुणवत्ता के मित्र सूक्ष्म जीव (बायो-फर्टिलाइजर) भी उपलब्ध करवाता है ताकि जमीन का pH और CEC उच्च पैदावार के लिए अनुकूल हो सके।

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