Skip to content

बैक्टर संग उत्तम खेती

बैक्टर के मित्र सूक्ष्म जीव खेत की भौतिक और जैव रासायनिक दशा सुधारने में मददगार हैं। इनकी क्रियाओं से मिट्टी की संरचना में सुधार आता है जिससे खेत ज्यादा नरम और हवादार बनते हैं। खेतों की जुताई में लगने वाले समय और डीजल में उल्लेखनीय कमी आती है। जड़ों को ज्यादा हवा/आक्सिजन मिलने से बीजों का जर्मीनेशन और पौधों की बढ़वार बेहतर होती है। मित्र सूक्ष्म जीवों की उपस्थिति में पौधे खूब जड़ें विकसित करते हैं जिससे पोषक तत्वों का भरपूर अवशोषण होता है

बैक्टर के मित्र सूक्ष्मजीवों की उपस्थिति में फसलें खूब जड़ें विकसित करती हैं। फसल कटाई के बाद यह बायोमास खेत में ही रह जाता है जिसे मित्र सूक्ष्मजीव विघटित कर खेत में ऑर्गैनिक कार्बन की मात्रा में बढ़ोत्तरी करते हैं। इस ऑर्गैनिक मैटर में उपस्थित पोषक तत्व अगली फसल के काम आते हैं जिससे अगली फसल का भी उत्पादन और गुणवत्ता बढ़ जाती है। हर फसल के साथ यह चक्र चलता जाता है। धीरे धीरे आपके कीट की मिट्टी जीवंत मृदा यानी active soil में कन्वर्ट हो जाती है।

पैदावार और गुणवत्ता अनेकों कारकों पर निर्भर होती है जिनमें से प्रमुख है पोषक तत्वों की उपलब्धता, पौधों का स्वास्थ्य और जड़ों की संख्या। बैक्टर के मित्र सूक्ष्मजीव पोषक तत्वों की उपलब्धता बढ़ाने के साथ साथ पौधों में जड़ों की संख्या बढ़ाने में सहायक हैं। वे खेत का स्ट्रक्चर सुधारने मे भी सहायक हैं। जमीन हवादार बनती है। मित्र सूक्ष्मजीव पौधों में रोग रोधी क्षमता भी विकसित करते हैं। ये सारे फैक्टर मिलकर आपकी फसलों की गुणवत्ता और उत्पादन में उल्लेखनीय सुधार लाते हैं।

जमीन में डाले गए पोषक तत्व/फ़र्टिलाइजर पूरी तरह से पौधों के काम नहीं आते और विभिन्न क्रियाओं के माध्यम से अघुलनशील रूप में बदल कर फसलों के लिए अनुपलब्ध हो जाते हैं। बैक्टर के मित्र सूक्ष्मजीव इन अघुलनशील रूपों को पुनः घुलनशील रूप में बदलकर पौधों को उपलब्ध करवाते हैं जिससे जमीन में डाले गए पोषक तत्वों का समुचित उपयोग होता है और उत्पादन बढ़ता है। जमीन में फ़र्टिलाइजर का अनावश्यक स्टॉक नहीं होने से जमीन की गुणवत्ता भी सुधरती है।

बैक्टर क्या है?

Bacter सूक्ष्मजीव विज्ञान पर आधारित इनिश्यटिव है जो सूक्ष्मजीव-मिट्टी-पानी-हवा-पौधों के आपसी संबंधों और क्रिया-प्रतिक्रिया के अध्ययन और खेती में उसके अप्पलीकेशन पर आधारित है। Bacter में हम विगत कई वर्षों से कृषि सूक्ष्मजीव विज्ञान और फसलों में पोषण और रोग प्रबंधन पर किसानों के साथ मिलकर काम कर रहे हैं। सीमित जमीन और सीमित संसाधनों का उपयोग कर बेहतर और गुणवत्ता पूर्ण उत्पादन निकालने के लक्ष्य की ओर चलते हुए हमने कई सफलताएं प्राप्त कीं हैं। विभिन्न प्रकार के पोषक तत्व/फर्टलाइज़र, सूक्ष्म पोषक, पेस्टिसाइड, हर्बीसाइड और फंगीसाइड का पौधों के मित्र सूक्ष्म जीवों पर क्या असर होता है और उसका सामना किस प्रकार किया जाए यह भी हमारे अध्ययन की विषयवस्तु है। फसल कुट्टी करने के बाद बचे अवशेष और खाँपों को शीघ्र विघटित कर कम्पोस्ट में परिवर्तित करने के लिए लाभकारी सूक्ष्मजीवों पर भी सतत कार्य जारी है।

Bacter ने लगातार दोहन के स्थान पर प्रकृति और वैज्ञानिक समझ से तालमेल बिठा कर भूमि सुधार और पोषण के माध्यम से गुणवत्ता युक्त उत्पादन निकालने की राह पकड़ी है; इसे हमने प्रकृति अनुकूल कृषि नाम दिया है।

प्रकृति अनुकूल कृषि क्यों जरूरी है?

कृषि कार्य प्रकृति से अभिन्न रूप से अन्तर्संबंधित है। लगातार दोहन से थके हुए खेत अच्छी पैदावार देने के लिए सक्षम नहीं होते। बीमारियों से जूझते हुए ही फसलों का समय निकाल जाता है। बैक्टर की प्रकृति अनुकूल कृषि खेत के दोहन के स्थान पर पोषण और संरक्षण पर आधारित है। प्रकृति अनुकूल कृषि क्लाइमेट परिवर्तन को और ज्यादा बढ़ावा देने के स्थान पर, कृषि उत्पादन बढ़ाने के साथ साथ पर्यावरण को सकारात्मक रूप से पोषित करती है. मित्र सूक्ष्मजीव, पोषण और कम्पोस्ट के समेकित प्रयोग पर आधारित बैक्टर की प्रकृति अनुकूल कृषि विधि अपनाएं.

बैक्टर कैसे आपकी मदद कर सकता है?

अगर आप किसान हैं और उत्पादन और फसल प्रबंधन में परेशानियों का सामना कर रहे हैं तो Bacter; consultancy सहायता और गुणवत्ता पूर्ण मित्र सूक्ष्मजैविक कल्चर/जैव उर्वरकों द्वारा आपकी मदद कर सकता है, मुख्य रूप से:
* गुणवत्तापूर्ण उत्पादन के लिए फसलों की प्लानिंग और प्रबंधन में
* खड़ी फसलों/बगीचों की बीमारियों के प्रबंधन में
* भूमि सुधारने और उपजाऊ क्षमता बढ़ाने के लिए

Bacter किसानों के लिए कंसल्टेंसी सहायता और गुणवत्ता पूर्ण मित्र सूक्ष्मजैविक कल्चर आधारित जैव उर्वरक उपलब्ध करवाता है।

बैक्टर की प्रकृति अनुकूल कृषि विधि द्वारा आलू, प्याज, लहसुन, टमाटर, कद्दू, करेला, गोभी आदि सब्जियां, नींबू, अमरूद, संतरा आदि बागवानी फसलें और कपास, डॉलर चना, गाजर, चुकंदर आदि फसलें सफलता पूर्वक उगाई जा रही हैं.

अपनी पसंदीदा फसलों के विषय में जानें
लहसुन या लसन की प्रकृति अनुकूल कृषि

लहसुन या लसन की खेती मुनाफे की खेती समझी जाती है। अगर उत्पाद की गुणवत्ता अच्छी तो भाव भी ऊंचे मिलते हैं। विगत वर्षों में अनेकों कारणों से लहसुन की फसल में बीमारियां बढ़ती जा रही हैं वहीं उत्पादकता घटती जा रही है। हमने बैक्टर विधि से लहसुन की खेती में अच्छी गुणवत्ता की भरपूर पैदावार प्राप्त करने में सफलता पाई है।

आलू की प्रकृति अनुकूल कृषि

coming soon

गाजर की प्रकृति अनुकूल कृषि

coming soon

प्याज की प्रकृति अनुकूल कृषि

coming soon

बैक्टर के उच्च गुणवत्ता वाले सूक्ष्मजैविक कल्चर अपनी खेती में शामिल कर बेहतर पैदावार हासिल करें
bacter

Bacter® Technologies


51/1, Sahakari Sheet Grah Sanstha Maryadit, Shramik Colony,
A.B. Road, Rau, Indore,
Madhya Pradesh.
PIN:453331

Contact: +91-7987051207

email: pushp.ind@gmail.com