Skip to content

Dr. Pushpendra Awadhiya

Consultant for pro Nature methods aimed for sustainable high productivity Agriculture. A core Microbiologist with PhD. degree in Life Science.

कपास (Cotton) का पोषण प्रबंधन (Nutrition management) और सूक्ष्मजीवों का रोल (Role of Microbes)

Cotton यानी कपास को भी अन्य फसलों की ही तरह नाइट्रोजन (Nitrogen), फ़ॉस्फ़ोरस (Phosphorus) और पोटैशियम (Potassium) पोषकों की आवश्यकता प्रमुख रूप से होती है। अगर इन तीनों पोषक तत्वों की तुलना करें तो मत्रात्मक रूप से कपास में सबसे… Read More »कपास (Cotton) का पोषण प्रबंधन (Nutrition management) और सूक्ष्मजीवों का रोल (Role of Microbes)

home

मधुमक्खियों (Honeybee) को कीटनाशियों (Pesticide) से कैसे बचाएं?

मधुमक्खियों को कीट नाशियों से कैसे बचाएं? कौन कौन से कीटनाशी मधुमक्खी के लिए बहुत जहरीले हैं? कौन से कीटनाशी इनके लिए कम जहरीले हैं? इनका ध्यान रखते हुए फसल को हानिकारक कीटों से बचाने के लिए कब स्प्रे करना… Read More »मधुमक्खियों (Honeybee) को कीटनाशियों (Pesticide) से कैसे बचाएं?

लेखक परिचय:

डॉ. पुष्पेन्द्र अवधिया (Ph.D. लाइफ साइंस, M.Sc. इंडस्ट्रियल माइक्रोबायोलॉजी) विषय रूचि- सूक्ष्मजीव विज्ञान, कोशिका विज्ञान, जैव रसायन और प्रकृति अनुकूल टिकाऊ कृषि विधियां कृषि में उन्नति और प्रकृति के अंधाधुंध दोहन को सीमित करने के लिए सही विधियों की जानकारी… Read More »लेखक परिचय:

प्याज (Onion) की 22 रोगकारक फंगस

प्याज में लगने वाली फंगस जनित बीमारियाँ: अब तक ज्ञात जानकारी के अनुसार प्याज (Onion) की रोगकारक फंगस 22 से भी ज्यादा प्रकार की होती है। प्याज हर अवस्था में फंगस जनित बीमारियों का शिकार हो सकती है। फंगस प्याज… Read More »प्याज (Onion) की 22 रोगकारक फंगस

अश्वगंधा (Ashwagandha) की जैविक खेती

अश्वगंधा (Ashwagandha/Indian Ginseng ) एक औषधीय पौधा है। इसे पुनरयौवन देने वाली औषधि माना जाता है। अश्वगंधा (Ashwagandha) का वैज्ञानिक नाम विथानिया सोमनीफेरा है। प्राचीन भारतीय पद्धतियों, आयुर्वेद और यूनानी चिकित्सा में इस पौधे की पत्तियों, बीजों और जड़ों का उपयोग शामिल किया गया है। इसके 200 से ज्यादा योग उल्लिखित हैं।

खेती में पोटैशियम के फायदे और स्त्रोत

पोटैशियम मैक्रोन्यूट्रियंस श्रेणी का पोषक तत्व है | पौधों के लिए यह ज़्यादा मात्रा में आवश्यक होता है इसीलिए इसे मैक्रोन्यूट्रियंस या वृहद पोषक तत्व की श्रेणी में रखा गया है |
पोटैशियम की कमी से फसलों का उत्पादन कम हो जाता है | ऐसा क्यों होता है ? पोटैशियम किस प्रकार उत्पादन बढ़ाने में सहायक है , आइये जानें |

यूरिया से मुक्ति, पार्ट-2

यूरिया से सस्ती सिर्फ हवा है, जिसमें 78% नाइट्रोजन होती है, यूरिया से भी ज्यादा!

हवा की नाइट्रोजन को कैसे पौधों के उपयोग लायक बनाया जाय यह प्रमुख मुद्दा है। और इसका जवाब प्रकृति के पास है।

यूरिया से मुक्ति, भाग-1

आजकल हर किसान यूरिया से बचना चाहता है। इसके कई प्रकार के नुकसान गिनाए जाते हैं। आज हम यूरिया के फायदे और नुकसानों पर चर्चा करेंगे। यह जानने की कोशिश करेंगे कि यूरिया क्यों किसानों का पसंदीदा उर्वरक बना? आज उससे पीछा छुड़ाने की बात क्यों हो रही है? क्या बिना यूरिया के खेती सम्भव है?

सोयाबीन Soybean का पीलापन

हरीभरी फ़सल हर किसान की आशा होती है, खासतौर पर सोयाबीन Soybean जैसी दलहनी फ़सल तो प्राकृतिक रूप से ज्यादा गहरे हरे रंग की होनी चाहिए. सोयाबीन की खेती में किसान सामान्यतः पोषण आवश्यकताओं का ध्यान नहीं रखते बल्कि कीटनाशियों… Read More »सोयाबीन Soybean का पीलापन